इतना घमण्ड!!! – ज्योति अप्रतिम
Post View 351 ***** आज जब उस शहर से गुजरना हुआ तो सहसा नज़र उस मकान पर चली ही गई जहाँ पर अब केवल बर्बादी के निशां बाकी रह गए थे। वह कार जिसमें बैठे बिना ही रीमा और रमेश की बेइज्जती की गई थी आज जंग खा कर खटारा बन कर खण्डहर हुए गैराज … Continue reading इतना घमण्ड!!! – ज्योति अप्रतिम
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