इसमें पकौड़ों का क्या कसूर – अनिता गुप्ता

Post View 358 “रेखा ! चाय के साथ पकौड़े भी बना लेना। रिमझिम शुरू हो गई है। और हां तुम भी अपनी चाय बालकनी में ही ले आना,साथ में पकौड़ों और बारिश का मज़ा लेंगे।” रितेश ने अखबार में सिर गड़ाए ही आवाज लगाई। थोड़ी देर तक जब कोई जवाब नही आया और न ही … Continue reading इसमें पकौड़ों का क्या कसूर – अनिता गुप्ता