“इश्क ” एक गुनाह (भाग-2) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

Post Views: 4 मानवेंद्र सिंह उसका जवाब जानते थे उन्होंने थके हुए स्वर में कहा। ठीक है जैसी तुम्हारी मर्जी उन्होंने गहरी सांस ली। तुम कल ही वापस लौट जाओ। दोबारा यहां कभी मत आना। उन्होंने मुंह फेर लिया। बाबा प्लीज ऐसा मत कीजिए उसने आगे बढ़ कर उन्हें गले से लगा लिया। वीर! शायद … Continue reading “इश्क ” एक गुनाह (भाग-2) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi