हमारे ख़ानदान में लेने देने की जगह रिश्तों में प्यार हो और अपनापन हो इस बात पर ज़्यादा ध्यान दिया जाता है । – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

Post View 1,366 नरेश जी ने इंजीनियरिंग अंतिम वर्ष में पढ़ रही अपनी बिटिया रजनी से कहा कि बेटा अब तो तुम्हारी पढ़ाई ख़त्म हो रही है मैं और तुम्हारी माँ तुम्हारे लिए रिश्ते देखना चाहते हैं।  तुम्हारी नज़र में वर कैसा होना चाहिए । सुधा ने कहा आप भी उससे क्या पूछ रहे हैं … Continue reading हमारे ख़ानदान में लेने देने की जगह रिश्तों में प्यार हो और अपनापन हो इस बात पर ज़्यादा ध्यान दिया जाता है । – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi