Post View 603 एक बार एक कृष्ण भक्त मन्दिर गया ! पैरों में महँगे और नये जूते होने पर उसने सोचा कि क्या करूँ ?यदि बाहर उतारता हूँ तो कोई उठा न ले जाये और अंदर पूजा में मन भी नहीं लगेगा सारा ध्यान जूतों पर ही रहेगा। तभी उसे बाहर एक भिखारी बैठा दिखाई … Continue reading हमारा भाग्य ओर हमारे कर्म
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