हम नहीं चाहते … – कंचन श्रीवास्तव
Post View 229 कुछ दिनों , नहीं नहीं कई सालों तक यानि यही कुल तीन चार साल तक शब्बो ने देखा ,बहू सबके लिए चाहे वो खाना हो या नाश्ता सब कुछ बराबर से परोस देती है ‘ और ये कहकर की हम बाद में का लेंगे ‘ खुद के खाने को टाल जाती है। … Continue reading हम नहीं चाहते … – कंचन श्रीवास्तव
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