हीटर –  उषा भारद्वाज

Post Views: 9  हाड़ कंपाती हुई ठंड ,चाहे कितने भी गर्म कपड़े पहन लो लेकिन ठंड दूर नही हो रही थी।  मोहन को आज  फिर से लौटने में देर हो गई। जैसे ही वह घर के अंदर पहुंचा मां की आवाज सुनाई पड़ी- आ गया बेटा। ” हां मां”- मोहन के शब्दों में लाचारी और … Continue reading हीटर –  उषा भारद्वाज