हरे कांच की चूड़ियाँ – कमलेश राणा
Post View 1,807 आज विम्मो की लगुन थी जब उसकी भाभी ने उसे हरे कांच की चूड़ियाँ पहनाई तो एक अलग सी उमंगें उन चूड़ियों की खनकती आवाज़ के साथ उसके मन में सर उठाने लगीं जैसे ही ये खनकतीं वह चौंक सी जाती और फिर अपने हाथों को देखकर मुस्कुरा देती। आज उसे अपने … Continue reading हरे कांच की चूड़ियाँ – कमलेश राणा
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed