हृदयेश्वरी: – मुकेश कुमार (अनजान लेखक)

Post View 381 तुम जाओगे न तब मुझे बहुत अखरेगा, बहुत ख़ालीपन महसूस करूँगी। लेकिन तुम जाओ, तुमने बहुत दिन से इस दिन का इंतज़ार किया है। योगेश के जाने से एक दिन पहले दोनों बात कर रहे थे। दोनों कोसों दूर हैं एक दूसरे से पर हर दिन दो-चार बार बात हो ही जाती … Continue reading हृदयेश्वरी: – मुकेश कुमार (अनजान लेखक)