हमेशा बड़े ही सही नहीं होते –  मनीषा भरतीया

Post View 1,549 आनंदी जी स्वभाव से बहुत कड़क लेकिन अंदर से बिल्कुल मोम की तरह नरम| उनकी चाल-ढाल बोलने का अंदाज देखकर ऐसा प्रतीत होता जैसे किसी हवेली की ठकुराइन हो। एक छोटी-सी कोठरी में अपने बहु-बेटे, पोता और दो पोतीयों के साथ रहती थी। बेटा काम बाहर करता था तो महीने में दो … Continue reading हमेशा बड़े ही सही नहीं होते –  मनीषा भरतीया