हमारी अधूरी कहानी – आरती झा आद्या

नियति भोर में खिड़की पर खड़ी बिखरी ओस की बूँदें अपनी आँखों में समेट रही थी और सोच रही थी कि कल जिसे उसने मॉल में देखा, क्या वो विवेक ही था। सारी यादें चलचित्र की भाँति उसके सामने आ रही थी। क्या दिन थे वो भी, जब मिली थी विवेक से पहली बार। उसके … Continue reading हमारी अधूरी कहानी – आरती झा आद्या