हमारा धर्म और संस्कार यही कहते है। – ऋचा उनियाल बोंठीयाल
Post View 4,086 “ये क्या है? इतना बेस्वाद खाना बनाया है। थू…. छी!!! नमक इतना भर कर डाला है सब्ज़ी में। बुड्ढी होने को आई हो और अभी तक खाना बनाने का सलीका नहीं सीखी हो । “ गुस्से से रमेश ने खाने की थाली ज़मीन पर पटक दी, और लड़खड़ाता हुआ खटिया पर बेसुध … Continue reading हमारा धर्म और संस्कार यही कहते है। – ऋचा उनियाल बोंठीयाल
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