हाँ…एक नया आगाज़ मैंने भी किया – संगीता त्रिपाठी

Post Views: 9 मठरी बनाने के लिये जैसे ही मैदे में पानी डाला घंटी की टुनटुन बजी कौन होगा सोचते मैंने आटा सने हाथों से दरवाजा खोला देखा पड़ोसी वर्मा जी और उनकी श्रीमती खड़ी थी। मैं अपने आटा सने हाथों को देख शर्मिंदा हो गई। एक मिनट भाभी मैं आई। अरे कोई बात नहीं … Continue reading हाँ…एक नया आगाज़ मैंने भी किया – संगीता त्रिपाठी