गुस्से और खुशी में जुबान की मर्यादा जरूरी है। – स्मिता सिंह चौहान
Post View 354 आजकल कहां सच्चे रिश्ते मिलते हैं,मुंह के आगे कुछ और पीठ पीछे कुछ और होते हैं।”मीनू ने अपनी बुआ से रिश्तो के ऊपर अपने विचार रखते हुये कहा। “ऐसा नहीं है,बस आजकल मैं बड़ा ,मैं बड़ा वाली भावनाओं का बोलबाला ज्यादा है ।रही बात आगे कुछ और पीछे कुछ और वो शायद … Continue reading गुस्से और खुशी में जुबान की मर्यादा जरूरी है। – स्मिता सिंह चौहान
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