गुमशुदा – गीतांजलि गुप्ता

Post Views: 5 बहुत याद करने पर भी उसे कुछ याद नहीं आ रहा था न घर याद था न नाम कुछ भी याद नहीं उसे। भूख प्यास से तड़प रहा था। मैले कपड़े गंदे हाथ देख विचलित हो रहा था। सड़क के किनारे पटरी पर सोया पड़ा था। दूर देखा तो शहर दिखाई दे … Continue reading गुमशुदा – गीतांजलि गुप्ता