गुमान – पुष्पा पाण्डेय : Moral Stories in Hindi
Post View 554 “कुसुम! एक साल हो गया, क्या तुम्हें माँ से मिलने का मन नहीं कर रहा है? हाँ भाई अब मैं किस काम की रही, बूढ़ी जो हो गयी हूँ।” कुसुम अपनी माँ की उलाहना सुनकर बड़े प्यार से उसे समझाने की कोशिश करने लगी। “ ऐसी बात नहीं है माँ। जब से … Continue reading गुमान – पुष्पा पाण्डेय : Moral Stories in Hindi
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