‘गुडिया मुझे माफ़ कर देना !” –   शिखा कौशिक

Post View 5,987 सुधा और दीपक दो दिन की यात्रा के पश्चात्  घर पहुंचें.शाम के पांच  बजने आये थे .फरवरी का  माह था अत: हवाओं में शीतलता बची  हुई थी .दीपक ने घर के किवाड़  खुलवाने को अपने बेटे को आवाज लगाई -”बिट्टू ……बिट्टू ….” तीन-चार  आवाज पर भी जब किवाड़ नहीं खुले तो सुधा … Continue reading ‘गुडिया मुझे माफ़ कर देना !” –   शिखा कौशिक