घर टूटने पर आखिर हर बार बेटे-बहू को ही दोष क्यों दिया जाता है? – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi

Post View 45,843    सुबह अंधेरे मुंँह उस दिन विपिन के घर में शोरगुल हो रहा था। उसके परिवार के सदस्य हर्षोल्लास के साथ यात्रा करने की तैयारी में मशगूल थे। विपिन की तीनों बेटियों को उसकी पत्नी कीमती नए डिजाइन की पोशाकें पहनाकर उन्हें सजाने  संवारने में लगी हुई थी। थोड़ी देर के बाद स्मृति … Continue reading घर टूटने पर आखिर हर बार बेटे-बहू को ही दोष क्यों दिया जाता है? – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi