घर दीवार से नहीं परिवार से बनता है। – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

Post View 10,655  “मुझे नहीं जाना यहाँ से कहीं, मेरी डोली इसी घर में आई थी और मेरी अर्थी भी इसी घर से उठेगी|”  “लेकिन माँ, यहाँ रखा भी क्या है अब? आप क्यों जिद पर अड़ी हैं। अब तो पापा भी नहीं रहे। आपको यहाँ किसके सहारे छोड़ कर जाएं? क्यों आप हमें धर्म … Continue reading घर दीवार से नहीं परिवार से बनता है। – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi