*गांव की लाज* – आसिफ त़ालिब शेख : Moral Stories in Hindi
Post View 1,657 रूपा के बापूऽऽऽ अरे ओ रूपा के बापूऽऽ दिन ढलने को आ गया अब तो अंधेरा फैलने लगा है रूपा अभी तक घर नहीं लौटी अब कोई छोटी बच्ची तो ना रही हाथ पीले करने की आयु हो गई है उस की इतने समय तक घर से बाहर रहना उचित नहीं और … Continue reading *गांव की लाज* – आसिफ त़ालिब शेख : Moral Stories in Hindi
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