गंतव्य की ओर बढ़ते कदम – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

Post View 13,005 शालिनी  बैठी  सोच रही थी कि कबतक मैं इसी तरह मार खाती रहूंगी। कब तक सहन करूं ।आज पीटने की इन्तहा हो गई करीब एक घंटे तक लात-घूंसे बरसाता रहा। फिर भी मन नहीं भरा तो बेल्ट उठा ली। अब शरीर मार खा खा कर थक चुका है। और शक्ती नहीं रही … Continue reading गंतव्य की ओर बढ़ते कदम – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi