गंतव्य की ओर बढ़ते कदम – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi
Post Views: 46 शालिनी बैठी सोच रही थी कि कबतक मैं इसी तरह मार खाती रहूंगी। कब तक सहन करूं ।आज पीटने की इन्तहा हो गई करीब एक घंटे तक लात-घूंसे बरसाता रहा। फिर भी मन नहीं भरा तो बेल्ट उठा ली। अब शरीर मार खा खा कर थक चुका है। और शक्ती नहीं रही … Continue reading गंतव्य की ओर बढ़ते कदम – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi
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