गिरवी आत्मसम्मान की – डॉ. अनुपमा श्रीवास्तवा 

Post Views: 16 तुमको क्या लगा कि तुम्हारे साथ रहता हूँ तो मेरा कोई अस्तित्व ही नहीं है। यह सोचना तुम्हारा भूल भ्रम है। मैंने परिस्थिति वश निर्णय लिया था तुम्हारे साथ रहने का समझी।” “हिम्मत कैसे हुई तुम्हारी जुबान को ऐसी घटिया शब्द निकालने की ।” शादी के बाद  पहली बार अनुज को इस … Continue reading गिरवी आत्मसम्मान की – डॉ. अनुपमा श्रीवास्तवा