गिरवी आत्मसम्मान की – डॉ. अनुपमा श्रीवास्तवा 

Post View 10,304 तुमको क्या लगा कि तुम्हारे साथ रहता हूँ तो मेरा कोई अस्तित्व ही नहीं है। यह सोचना तुम्हारा भूल भ्रम है। मैंने परिस्थिति वश निर्णय लिया था तुम्हारे साथ रहने का समझी।” “हिम्मत कैसे हुई तुम्हारी जुबान को ऐसी घटिया शब्द निकालने की ।” शादी के बाद  पहली बार अनुज को इस … Continue reading गिरवी आत्मसम्मान की – डॉ. अनुपमा श्रीवास्तवा