फिर,वसंत लौट आया – महेश केशरी : Moral Stories in Hindi

Post Views: 4 ‘बेटी मेघा, सिन्हा साहब के लिए चाय ले आओ’ रंजीत बाबू ने बैठक से ही आवाज लगाई। मेघा किचन से ही आवाज देती हुई बोली, ‘हाँ, पापा बस दो मिनट, और रुकिए, अभी लाती हूँ ।’ ट्रे में चाय उठाये, मेघा, कुछ ही देर में आकर बैठक में दाखिल हुई। मेघा, साँवली … Continue reading फिर,वसंत लौट आया – महेश केशरी : Moral Stories in Hindi