फैसला – रचना कंडवाल

Post Views: 7 शाम के चार बज रहे थे।  लड़का झील के किनारे बैठ कर किसी  का इंतजार कर रहा था।कभी खड़ा होता, कभी बैठ जाता। उसके अंदर अजीब सी बेचैनी थी। आसपास का मनोरम वातावरण भी उसे अपनी तरफ खींचने में असमर्थ था।उसी बेचैनी में वह झील में पत्थर मारकर पानी की खामोशी तोड़ … Continue reading फैसला – रचना कंडवाल