फर्क –  ऋतु अग्रवाल

Post Views: 5   सूरज अपनी ढलान पर था। शाम का धुँधलका गहराने लगा। एक जोरदार अंगड़ाई लेकर गायत्री झटके से उठी। एक स्मित सी मुस्कान उसके अधरों पर तैर गई। आज सत्येंद्र नाराज होकर शोरूम गए थे।वही पुरानी बहस, गायत्री बच्चा गोद लेना चाहती थी पर सत्येंद्र को यह ना मंजूर था। कमी गायत्री में … Continue reading फर्क –  ऋतु अग्रवाल