फकीर – विनोद सिन्हा “सुदामा”

Post Views: 10 ऐसा कोई दिन नहीं होता था कि उस मस्जिद वाली गली से नहीं गुजरती थी मैं… मेरे ऑफिस का रास्ता उसी गली से होकर गुजरता था और थोड़ा नजदीक भी पड़ता था इसलिए ऑफिस जाने के लिए अमूमन उसी रास्ते का उपयोग करती थी .. मेरा रोज़ का आना जाना था इसलिए..गली … Continue reading फकीर – विनोद सिन्हा “सुदामा”