फैसला – चेतना अग्रवाल

Post View 1,606 “मैं खुद के लिए क्यों आगे नहीं बढ़ सकती। क्या सारी जिंदगी मैं उसी गम में जीती रहूँगी। क्या मुझे कोई अधिकार नहीं है अपनी खुशियों को जीने का… आखिर कब तक मैं परिवार और सबकी जिम्मेदारियों में बँधी रहूँगी। आखिर मुझे भी अपने हिस्से की आजादी चाहिए।  जिससे मैं जो चाहे … Continue reading फैसला – चेतना अग्रवाल