एक समझौता – मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi
Post View 10,140 “क्या ये दिन देखने के लिए हमने तुझे इतना पढ़ाया-लिखाया—-? और तेरी शादी करवाई —? कृष्णकांत जी गुस्से से लाल- पीले हुए जा रहे थे। बेटा नितिन चुपचाप पिताजी की नाराजगी को सहन कर रहा था। सामने मंजू देवी बुखार से कराहते हुए पति कृष्णकांत से बोलीं बस –। अब चुप भी … Continue reading एक समझौता – मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi
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