“एक रुपये का सिक्का” – सेतु कुमार 

Post Views: 2 सात फेरों के बाद अब रंजीता की विदाई की रस्म भी सम्पन्न हो गयी थी.विवाह भवन अगले तीन चार घण्टो में खाली करना था.इसलिए लड़की पक्ष के मेहमान अब अपने अपने कमरों में अस्त व्यस्त पड़े कपड़ो और दूसरे सामानों को पैक करने में लगे थे. रंजीता के पिता गोविंद बाबू और … Continue reading “एक रुपये का सिक्का” – सेतु कुमार