एक पुरवैया.. मायके की…. – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

Post View 771 हर औरत में वो कितनी भी बड़ी हो जाये एक बच्ची जिन्दा रहती हैं। जो अपने मायके के घर आँगन में आ अपना बचपना खोजती हैं… पिता का प्यार ढूढ़ती हैंमाँ की डांट और भाई की छेड़खानी। प्यार सब करते पर अंदाज जुदा-जुदा हैं। ऐसे ही इस बार जब जुही आई तो … Continue reading एक पुरवैया.. मायके की…. – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi