एक प्रेम ऐसा भी…. – विनोद सिन्हा “सुदामा” : Moral Stories in Hindi
Post View 7,566 आज़ जब पूरे दो महीने बाद ऑफिसियल टूर से लौटकर घर आया तो धर्मपत्नी धुर्वा ने दरवाजा खोला.. मैंने इधर उधर नजरें घुमाई मेरी निगाहें माँ को ढूंढ रही थी.. धुर्वा से माँ को पूछा तो धुर्वा ने माँ की ओर इशारा किया देखा माँ बरामदे में लगे आराम कुर्सी पर बैठी … Continue reading एक प्रेम ऐसा भी…. – विनोद सिन्हा “सुदामा” : Moral Stories in Hindi
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