एक प्रेम ऐसा भी…. – विनोद सिन्हा “सुदामा” : Moral Stories in Hindi

Post Views: 2 आज़ जब पूरे दो महीने बाद ऑफिसियल टूर से लौटकर घर आया तो धर्मपत्नी धुर्वा ने दरवाजा खोला.. मैंने इधर उधर नजरें घुमाई मेरी निगाहें माँ को ढूंढ रही थी.. धुर्वा से माँ को पूछा तो धुर्वा ने माँ की ओर इशारा किया देखा माँ बरामदे में लगे आराम कुर्सी पर बैठी … Continue reading एक प्रेम ऐसा भी…. – विनोद सिन्हा “सुदामा” : Moral Stories in Hindi