एक पाप, एक अधर्म – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi
Post View 619 देवार्चन की समझ में नहीं आ रहा था कि उसने जो किया है वह गलत है या सही। कुछ लोग उसके इस कार्य के लिये उसे पापी और विधर्मी भी कह सकते हैं लेकिन उसके मन में कोई ग्लानि या अपराध बोध नहीं है बल्कि उसके मन में सन्तोष और तृप्ति का … Continue reading एक पाप, एक अधर्म – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi
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