एक जोड़ी आंखें – डा उर्मिला सिन्हा: Moral stories in hindi

Post View 10,256 जनवरी के सर्द महीने में मेरा सर्वांग जल रहा है-एड़ी से चोटी तक मैं क्रोध , घृणा और अपमान की भीषण ज्वाला में दग्ध हो रहा हूं। कहां  कमी रह जाती है……? इस विषय पर कई बार सोंच चुका हूं। अभी तंदूरी भट्ठी की तरह जलते तन मन से कोई भी सुकून … Continue reading एक जोड़ी आंखें – डा उर्मिला सिन्हा: Moral stories in hindi