एक हाथ से ताली नहीं बजती – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi
Post View 136 सुमन ,कहा हो आओ जल्दी ,देखो मेरी शर्ट कैसी लग रही है? पूरे पांच हजार की है | सुमन क्या पांच हजार? हा जी सुमन मैडम पांच हजार की है | सुमन ने गुस्से में बोला ,पांच हजार की हो या ,दस हजार की,बिल्कुल अच्छी नहीं है|बोल के रसोई में चली गई … Continue reading एक हाथ से ताली नहीं बजती – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi
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