एक हाथ से ताली नहीं बजती। – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi
Post View 341 चारों तरफ से निराशा हाथ लगने के बाद शुभा उस इलाके के पंडित से मिली जो लड़के-लड़कियों की शादी करवाने के लिए प्रसिद्ध थे। बेसहारा विधवा दो-तीन वर्षों से अपनी बेटी की शादी के लिए परेशान थी। वह अपने घर में ही घरेलू उद्यम करके कुछ उपार्जन करती थी, जिससे उसकी परवरिश … Continue reading एक हाथ से ताली नहीं बजती। – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi
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