इक दूजे के वास्ते – नीरजा नामदेव   

Post Views: 4            आज विधु शरद पूर्णिमा के चांद को देखते हुए अपने बीते दिनों को याद कर रही है। सोमांशु जब उसे शादी के लिए देखने आए थे तब बात करते हुए विधु ने  पूछा था कि क्या मैं शादी के बाद नौकरी करना चाहूं तो कर सकती हूं ।तब सोमांशु ने उसे … Continue reading इक दूजे के वास्ते – नीरजा नामदेव