एक भूल -सुनीता मिश्रा

Post View 528 लम्बे केश,छरहरी काया,बड़ी बड़ी बोलती आँखे, हँसता चेहरा और रंग ,सुबह निकली सूरज की   किरणों सा।ऐसा छन्नो का रूप।लगता मानो राजा रवि वर्मा की पेंटिंग शकुन्तला प्रगट मे सामने आ गई हो । आज तो अलग ही निखार था  सुबह सुबह जब दूध की डोलची ले हमारे घर आई।माँ को आवाज … Continue reading एक भूल -सुनीता मिश्रा