एक भाई दूज ऐसी भी – उषा गुप्ता

Post Views: 6 “आई, दिवाली पांच दिन तक क्यों मनाते हैं ?”नन्हीं रूपा ने सोफ़े को झटकते हुए पूछा। “बेटा, इस समय पांच दिन तक हर रोज नया त्यौहार होता है ना इसलिए ।” माँ ने सोफे के कुशन बिछाते हुए कहा। “एक तो दिवाली और एक धनतेरस मुझे मालूम है ,और क्या आई ?” … Continue reading एक भाई दूज ऐसी भी – उषा गुप्ता