एक औरत की दास्तां

Post Views: 3 एक औरत की दास्तांमैंने क्या माँगा तुमसे चंद लम्हें जो तुमने कभी दिए ही नहींवफ़ा और रिश्ते जो कभी मेरे हुए ही नहींघर की दरो दीवार भी कभी मेरी बनी नहींबस उलझी सी रही ज़िन्दगी ताने बानो मेंकभी तू ही नहीं बना मेरा आशियाने मेंअब टूट गया हर भरम अनजाने मेंवो दास्तां … Continue reading एक औरत की दास्तां