एक अकेला – आभा अदीब राज़दान

Post View 229 नंदा और मैं हम दोनों ही कितने अलग थे हमारी कोई एक बात भी तो नहीं मिलती थी, बिलकुल पूरब और पश्चिम । आनंद जी को सारी बातें अब एक एक कर के याद आती जा रही थीं । ” मैन फ़्रोम मार्स वुमन फ़्रोम वीनस, मजाल है जो कभी भी हमारी … Continue reading एक अकेला – आभा अदीब राज़दान