दूसरी शादी और दोहरा मापदंड – मुक्ता सक्सेना

Post View 869 नोट – आज की कहानी में सिर्फ एक ही व्यक्ति के परिपेक्ष्य में ही लिख रही हूं। बहुत सारी घंटनाक्रमों का समीकरण है जिसे आप लोग समझ सकते है। नाटकीय रूप देने का मन नहीं है क्युकी जो सच्ची बातें है, उनका क्या नाटकीय रूप देना। किसी के व्यवहार से मेल खाए … Continue reading दूसरी शादी और दोहरा मापदंड – मुक्ता सक्सेना