दूसरा मायका – रीटा मक्कड़

Post View 362 “अरे वाहः रीना आज तो बड़ी प्यारी लग रही हो”  रक्षाबंधन वाले दिन मैं अपने मायके से वापिस आयी ही थी कि रीना मुझे बाहर ही मिल गयी। चटक हरे रंग के लहंगा चोली और मांग टीका लगाए सजीधजी आज तो वो बिल्कुल अलग और बहुत सुंदर दिख रही थी। ‘हांजी आंटी … Continue reading दूसरा मायका – रीटा मक्कड़