दुआ – नीलम सौरभ

Post Views: 4 शहर में पहली बार आयोजित होने वाले विपश्यना शिविर में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए प्रतीक्षा कक्ष में बैठी चित्रा को महीनों बाद पुराने मोहल्ले की पड़ोसन सखी गायत्री मिल गयी, जिसके साथ उसकी अभी वाले कॉलोनी की पड़ोसन शालू भी थी। चित्रा को पहली नज़र में ही शालू बड़ी हँसमुख, खुले दिल … Continue reading दुआ – नीलम सौरभ