दृष्टिकोण – दीपा माथुर

Post View 1,411 राधेश्याम जी हाथ को पीछे किए लोन में चक्कर काटे जा रहे थे और मन ही मन बड़बड़ाने का सिलसिला जारी था। तभी उनकी पत्नी  मृदुला जी पानी का गिलास लेकर पहुंची ” ये लीजिए कम से कम कुल्ला तो कर लीजिए।” हो सकता है ट्रेन लेट हो। राधेश्याम जी ने घड़ी … Continue reading दृष्टिकोण – दीपा माथुर