दृष्टिहीन – कमलेश राणा : Moral Stories in Hindi
Post Views: 8 चल मृदुला उठ कुछ खा पी ले …दो दिन हो गये .. आखिर कब तक यूँ ही रोती और शोक मनाती रहेगी। कैसे सब्र करूँ सुचेता साल भर के अंदर एक- एक कर चारों बेटे भगवान् को प्यारे हो गये।मेरी एक न सुनी किसी ने.. अरे मैं तो दृष्टिहीन थी पर हर … Continue reading दृष्टिहीन – कमलेश राणा : Moral Stories in Hindi
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