Post View 220 दिव्या ने प्रण किया कि वो बुद्ध बनेगी यदि वो तीनों लोक नाप सकती है तो फिर बुद्ध क्यों नहीं बन सकती माना दादी , बुआ ,मां सबने अपना जीवन यूं ही निछावर कर दिया । पर मैं न किसी की नज़रों से अपने देह को नापने दूंगी न हैवानियत का शिकार … Continue reading दृढ़ संकल्प – कंचन श्रीवास्तव
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