डोर जो न टूट सके  –  ………कुमुद चतुर्वेदी.

Post View 378  स्कूल बस घर के पास जैसे ही रुकी वंश ने इशारे से माही को चुप रहने को कहा और खुद उतरने को आगे बढ़ गया।गेट के पास उसकी माँ पूजा ने आगे बढ़ उसका हाथ पकड़ा और घर चल दी।पीछे माही जब उतरी तो उसकी माँ लगभग दौड़ती आती दिखी,तब तक बस … Continue reading डोर जो न टूट सके  –  ………कुमुद चतुर्वेदी.