ढोलना” – डॉ .अनुपमा श्रीवास्तवा

Post View 1,030  सीधे सरल और सहृदय थे हमारे गांव के शिक्षक बाबु साहब जिन्हें हर कोई मास्टर जी के नाम से संबोधित करता था। शायद ही कोई गाँव का बच्चा होगा जो उनसे अच्छी शिक्षा नहीं लिया होगा। बच्चे बुढ़े सभी उनका आदर करते थे।  मास्टर जी को गुजरे दो साल हो चुके थे। … Continue reading ढोलना” – डॉ .अनुपमा श्रीवास्तवा