ढोलना” – डॉ .अनुपमा श्रीवास्तवा

Post Views: 3  सीधे सरल और सहृदय थे हमारे गांव के शिक्षक बाबु साहब जिन्हें हर कोई मास्टर जी के नाम से संबोधित करता था। शायद ही कोई गाँव का बच्चा होगा जो उनसे अच्छी शिक्षा नहीं लिया होगा। बच्चे बुढ़े सभी उनका आदर करते थे।  मास्टर जी को गुजरे दो साल हो चुके थे। … Continue reading ढोलना” – डॉ .अनुपमा श्रीवास्तवा