दोहरे चेहरे – मधु झा

Post View 870 दिवाकर अक्सर मंजूला से मज़ाक में ही सही ,कहता रहता था कि अरे,,तुझे मेरे जैसा कहाँ मिलेगा,,? सच है ,,उसके जैसा कहाँ मिलेगा,,और ईश्वर न करे उसके जैसा इस जनम में तो क्या ,,,जब तक जनम हो, कभी न मिले,, ईश्वर दूरी बनाये रखे उससे और उसके जैसों से,,जिसने ज़िन्दगी को पूरी … Continue reading दोहरे चेहरे – मधु झा