डॉगी की व्यथा –  बालेश्वर गुप्ता

Post View 414   कहीं पढ़ा भी था और समझा भी था कि शांति और सम्मान के साथ यदि जीवन यात्रा पूर्ण करनी है तो बुढ़ापे में सहनशील होना और चुप रहने की आदत डाल लेना ही कुंजी है।रमेश ने इन गुर को अपना लिया था।मुन्ना को उसने समझा दिया था बेटा देख हमने तो अपनी … Continue reading डॉगी की व्यथा –  बालेश्वर गुप्ता