डॉगी की व्यथा –  बालेश्वर गुप्ता

Post Views: 5   कहीं पढ़ा भी था और समझा भी था कि शांति और सम्मान के साथ यदि जीवन यात्रा पूर्ण करनी है तो बुढ़ापे में सहनशील होना और चुप रहने की आदत डाल लेना ही कुंजी है।रमेश ने इन गुर को अपना लिया था।मुन्ना को उसने समझा दिया था बेटा देख हमने तो अपनी … Continue reading डॉगी की व्यथा –  बालेश्वर गुप्ता